*पकड़ को समझने के लिए प्रत्याहार करें*
*"गहराई पाने का रहस्य"*
.....सवेरे का जो ध्यान है, वह अपनी ओर नजर करने का ध्यान है कि-- *मैं क्या कर रहा हूं? मेरे अंदर क्या दोष है?, मेरे अंदर क्रोध आता है?,
इस क्रोध को में कैसे नष्ट करूँ?,
मेरी ऐसी कौन इच्छाये होती है
कि जो मेरे लिए दुखदायी होती है?,
मुझे नष्ट करेंगी, उधर में क्यों जाता हूं?।*
इस पर ध्यान देने से आपको पता चलेगा
क़ि आपको कोनसे चक्र की पकड़ है।
उसको आपको साफ करना है,
उसको साफ करके, ठीक-ठाक करके आप बैंठे।
*इसको "प्रत्याहार" कहते है।*
माने इसकी सफाई करनी चाहिए।
मन की सफाई करनी चाहिए।
जो लोग सवेरे उठ कर ध्यान नहीं करेंगे,
वे *सहज में कितने ही कार्यान्वित रहे,
और सब कुछ करते रहे,
अपनी गहराई को पा नहीं सकते।*
*----परमपूज्य श्रीमाताजी,*
27 /11/1991
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